सेबी ने फिडेलिटी इंटरनेशनल के फ्रंट रनिंग मामले में कर्मचारी सहित तीन लोगों को बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगाया

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने फिडेलिटी इंटरनेशनल में फ्रंट रनिंग एक्टिविटी के मामले में तीन लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यानी ये तीन लोग अब शेयर बाजार में कारोबार नहीं कर पाएंगे। इसमें से एक आरोपी फिडेलिटी का ही कर्मचारी है। जबकि दो आरोपी उसकी मां और बहन हैं।

आरोपियों में बेटा, मां और बहन शामिल

सेबी ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि फिडेलिटी में फ्रंट रनिंग के मामले में उसने जांच की थी। जांच के आधार पर कंपनी के कर्मचारी वैभव धाडा को दोषी पाया गया। साथ ही उनकी मां अलका और बहन आरुषि को भी दोषी पाया गया है। इसके बाद तीनों पर शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया। सेबी ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है। हो सकता है कि जांच के दौरान इसमें कुछ और लोगों का भी नाम आए।

मई से अगस्त 2019 में की गई थी जांच

सेबी ने कहा कि उसे मई से अगस्त के दौरान इस फ्रंट रनिंग का पता चला था। रेगुलेटर ने इस मामले में जांच किया तो पता चला कि वैभव फिडेलिटी ग्रुप के नाम से ट्रेडिंग करता था और वह कंपनी की सूचना बाहर देता था। वैभव ने अपनी मां और बहन को बैंक खाता और डीमैट अकाउंट खोलने का निर्देश दिया। इसके बाद उसने अपनी मां के खाते में पैसा भेजा। जबकि उसकी मां के पास कमाई का कोई जरिया नहीं था। वैभव की मां ने इस पैसे को आरुषि के खाते में ट्रांसफर किया। आरुषि भी छात्र है और उसकी कोई कमाई नहीं है।

आरोपियों ने 1.86 करोड़ रुपए की कमाई की

सेबी ने पाया कि फंड ट्रांसफर के बाद अलका और आरुषि दोनों ने फ्रंट रनिंग में ट्रेड किया। सेबी ने कहा कि इस मामले में वैभव उन दोनों को कंपनी का जानकारी देता था। इससे वे लोग लाभ कमाते थे। इन लोगों ने इससे करीबन 1.86 करोड़ रुपए कमाए। फ्रंट रनिंग का मतलब किसी गुप्त जानकारी के आधार पर शेयरों की बिक्री या खरीदी करने से होता है।



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सेबी की जांच में पता चला कि आरोपी अपनी मां और बहन के खाते में पैसा भेजकर फ्रंट रनिंग का काम करता था


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