मेलिंडा वेनर मोयर. कोरोनावायरस के दौर में अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कुछ परिवार क्वारैंटाइन बबल या सोशलपॉड्स के बारे में सोचरहे हैं। कई इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट के अनुसार यह मेंटल हेल्थ को बनाए रखने का अच्छा तरीका है। इस बबल में दो या तीन परिवार शामिल होते हैं, जो आपस में वक्त गुजारते हैं। इसमें किसी बाहरी को आने की अनुमति नहीं होती है। इस दायरे में परिवार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भले ही न करें, लेकिन बाहर निकलने पर वे नियमों के साथ काम करते हैं।
सोशल कॉन्टेक्ट के बिना परेशान हैं परिवार
- सच्चाई यह है कि लोगों को सोशल कॉन्टेक्ट की जरूरत होती है,जबकि कुछ परिवार इसके बिना काफी संघर्ष कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में हेल्थ पॉलिसी रिसर्चर जो मैक्लेरन कहते हैं कि सबसे आदर्श चीज है कि हम हमेशा घर में रहें और कभी किसी को न देखें, लेकिन यह हमेशा नहीं हो सकता है।'
- हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल में इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट जूलिया मार्कस के मुताबिक, हम इस बीमारी से बचाव के लिए पूरे हेल्थ को दांव पर नहीं लगा सकते। ऐसे में आप कैसे बबल या पॉड की शुरुआत करें और सुरक्षित रहने के लिए किन नियमों का पालन करें, यह जानना जरूरी है।
सोशलपॉड्स की जरूरत कब होती है
- बगैर पॉड्स के भी सोशल होने के कई रास्ते हैं। इसमें अच्छा तरीका है जूम या फेस टाइम पर इकट्ठे होना। अगर इस वर्चुअल मीट से बच्चों की जरूरतें पूरी हो रही हैं तो यह सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्लेडेट भी एक रास्ता है, लेकिन प्लेडेट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकता है? एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर उलझन में हैं। खासतौर से बच्चों के मामले में।
- यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के करी स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ह्यूमन डेवलपमेंट में एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट जेमी जिरौट के अनुसार, बच्चों में खुद को लेकर नियंत्रण करना मुश्किल काम है। रिसर्च बताती है कि खुद को रोकने का नियंत्रण किशोर अवस्था से पहले पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है। अगर कोई पांच साल का बच्चा अपने दोस्त से जमीन पर कुश्ती करना चाहता है तो उसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर इच्छा को रोकना काफी मुश्किल होगा।
- सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्लेडेट्स किसी बैरियर जैसे- फेंसिंग के बाद सही काम करेंगी। सवाल उठता है किक्या इस तरह का माहौल सुरक्षित होगा? डॉक्टर मैक्लेरन के अनुसार, किसी दोस्त के साथ मास्क लगाकर और 6 फीट की दूरी पर एक घंटा गुजारने में कहीं ज्यादा जोखिम है। क्योंकि इस दौरान बच्चों में हवा के जरिए एक-दूसरे के जर्म्स शेयर करने की संभावना बढ़ जाती हैं।इन वजहों के चलते पॉड्स एक सुरक्षित रास्ता हैं। इसमें एक फायदा यह भी है कि अगर आपको परिवार में कोई बीमार हो गया तो आपको कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करने में आसानी होगी।
सोशल पॉड कैसे बनाएं?
- अगर आपको यह लगता है कि परिवार को पॉड की जरूरत है तो इसके बारे में सोचें की कौन पहल करेगा। कोविड 19 के संक्रमण या फैलने के जोखिम को कम करने के लिए आप ऐसा परिवार चाहेंगे जो आपकी तरह ही केयरफुल हो। लंदन स्कूल ऑफ हाईजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट स्टीफन फ्लैशे के मुताबिक, अगर दूसरा घर अपने पड़ोसियों का ध्यान रख रहा हो या कजिन्स के साथ वक्त गुजार रहा हो, तो ऐसे कई तरीके हैं, जिससे इंफेक्शन चेन फिर शुरू हो सकती है। इसके पीछे आइडिया एक बंद लूप बनाने का है, जहां पॉड में शामिल परिवार को बाहर के किसी व्यक्ति से संपर्क नहीं रखना है।
- आप ऐसा परिवार चाहते हैं जो कम जोखिम में हो। साथ ही हाई रिस्क में शामिल परिवार पॉड में होने वाले अतिरिक्त जोखिम को समझ लें। साथ ही यह पक्का करें कि वे इसके साथ सहज हैं। अगर किसी परिवार में बीमारी से जूझ रहे बच्चे या बुजुर्ग हैं तो वे ज्यादा जोखिम में हैं। उन्हें सुरक्षित रखने के लिए आप कोरोनावायरस के संभावित जोखिम से अपना संपर्क कम कर लें। जैसे- लगातार बाजार जाने के बजाए हफ्ते में एक बार ही जाएं।
- यह याद रखें किपॉड जितना छोटा होगा उतना बेहतर होगा। दो परिवारों के पॉड्स सबसे अच्छे होते हैं, जिनमें कुल 5 से 10 लोग हों। डॉक्टर मैक्लेरन ने कहते हैं कि आप जिस नए व्यक्ति को पॉड में जोड़ेंगे, यह उतना ही बाकी सदस्यों के लिए जोखिम बढ़ाएगा। पॉड साइज को छोटा रखना ही जोखिम को कम करने का बेहतर तरीका है।'
- यह भी जरूरी है कि आप ऐसे परिवार को चुनें, जिनके फैसले पर आप भरोसा करते हों। डॉक्टर मैक्लेरन के मुताबिक, परिवार अनिवार्य रूप से जोखिम भरे हालातों का सामना करने वाले हैं। आप इस बात पर भरोसा करना चाहते हैं कि वे अच्छा फैसला लेंगे। इसी तरह आप ऐसे परिवार के साथ पॉड में जाना चाहते हैं जो अपने अनुभवों को लेकर खुलकर बात करें। अगर कोई आपके पॉड में शामिल परिवार के सदस्य पर किसी ने छींक दिया है, तो आप चाहेंगे कि वह आपको इस बारे में बताएं। आखिरकार ऐसे परिवार को चुनें जो आपको परिवार को बेहतर बनाए।
पॉड को लेकर बातचीत
- ब्राउन यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिस्ट एमिली ऑस्टर के मुताबिक, अगर आपने किसी दूसरे परिवार के साथ पॉड बनाने का फैसला कर लिया है तो कुछ अजीब बातचीत के लिए खुद को तैयार करें। पहले तोहो सकता है कि दूसरा परिवार आपके साथ पॉड न बनाना चाहता हो या किसी और के साथ शामिल हो चुका हो। अगर वो इंट्रेस्टेड होंगे तो आपको उनके साथ अपने निजी जीवन को लेकर बात करनी होगी।
- जूम या फेसटाइम बातचीत के लिए तैयार हों। इसमें कुछ नियम शामिल करें, जैसे- यह केवल बातचीत होगी और अगर परिवार साथ आने पर सहमत नहीं हो पाते हैं तो कोई बुरा फील नहीं करेगा। याद रखें की यह कोशिश का वक्त है और सबसे जरूरी बात कि आप दोस्त बने रह सकते हैं।
- इसके बाद आपकी उम्मीदों, निजी जीवन की जानकारियों और प्रिकॉशन्स को लेकर बात करें। इस मकसद यह पता करना है कि आप और दूसरा परिवार एक साथ हैं या नहीं। साथ ही इससे यह भी पता लगेगा कि आप किस तरह के परिवार की तलाश कर रहे हैं। यह याद रखें कि अगर दूसरे परिवार में कोई कोरोना के संपर्क में आने के चलते हाई रिस्क में है तो यह रिस्क आपकेपरिवार तक भी फैल सकता है।
- पॉड कितना लंबा चलेगा, इसे लेकर भी बातचीत करें। आप इसे पूरी गर्मियों तक चलाना चाहते हैं या केवल दो हफ्ते के ट्रायल पीरियड चाहते हैं। अगर आप किसी पॉड के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं तो कुछ नियम तय कर लें। जैसे कौन सी गतिविधियां सहीं हैं या किसे हद से बाहर जाना माना जाएगा।
- डॉक्टर मार्कस के अनुसार, जितना इन स्थितियों के बारे में बात करेंगे, उतना ही आपको इनसे गुजरने में आसानी होगी। अगर कभी भी उल्लंघन होता है तो आप पॉड को दो हफ्तों के लिेए रोक देंगे। जब तक संक्रमण के संपर्क में आया दूसरा परिवार क्वारैंटाइन होगा।
- डॉक्टर ऑस्टर ने कहा कि पॉड बनाना इतना आसान नहीं होता है। यह कठिन और अजीब लग सकता है।क्योंकि हम इस तरह के हालातों का सामना करने के आदि नहीं हैं। इसके बावजूद कुछ परिवारों को लिए पॉड मेंटल हेल्थ के मामले में अच्छे हो सकते हैं।
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