सेबी ने डायनॉमिक टेक्नोलॉजी के एमडी को इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में 3.83 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई का आदेश दिया

डायनॉमिक टेक्नोलॉजी लिमिटेड (डीटीएल) में इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में सेबी ने इसके एमडी उदयंतमलहोत्रा को 3.83 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई का आदेश दिया है। साथ ही सेबी ने सभी प्रॉपर्टी, खातों, डीमैट अकाउंट आदि की जानकारी देने को कहा है। सेबी ने डीटीएल में इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच की थी।सेबी ने 17 अगस्त 2016 से 11 नवंबर 2016 तक यह जांच की थी। डीटीएल बीएसई और एनएसई पर लिस्ट है। कंपनी में प्रमोटर्स की होल्डिंग मार्च 2016 में 51.13 प्रतिशत थी।

फाइनेंशियल रिजल्ट के दिन शेयरों में गिरावट

सेबी ने जांच में पाया कि डीटीएल ने 2016 में सितंबर तिमाही का फाइनेंशियल रिजल्ट जारी किया। इस समय उसका शुद्ध लाभ 37.27 प्रतिशत बढ़ा और कंपनी का शेयर 52 हफ्तों के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह स्तर 3,655 रुपए था जो 24 अक्टूबर को था। यानी फाइनेंशियल रिजल्ट के पहले यह स्तर था। सेबी ने पाया कि जब 11 नवंबर 2016 को कंपनी ने अपना लाभ घोषित किया उसी समय शेयर की कीमत गिरकर 3,227 रुपए पर आ गई। 15 नवंबर को यह 2,865 रुपए पर आ गया।

अन्य सब्सिडियरी के रेवेन्यू में गिरावट

सेबी ने जांच में पाया कि इस दौरान प्रति शेयर 300 रुपए से ज्यादा की गिरावट देखी गई। हालांकि कंपनी ने यह भी घोषित किया कि उसकी अन्य सब्सिडियरी के रेवेन्यू में इसी दौरान गिरावट भी देखी गई। इसकी कुल 10 सब्सिडियरी हैं। सेबी के अनुसार बीएसई और एनएसई पर कंपनी का शेयर 11 नवंबर से 15 नवंबर के बीच 11.35 प्रतिशत गिरा। जांच में पता चला कि कंपनी के एमडी एवं सीईओ उदयंतमलहोत्रा यूपीएसआई की अवधि में कंपनी से संपर्क में थे और उन्होंने इनसाइडर ट्रेडिंग की।

मलहोत्रा ने यूपीएसआई की अवधि में ट्रेड किया

जांच में यह भी पता चला कि मलहोत्रा ने यूपीएसआई की अवधि में डीटीएल के शेयर में ट्रेड किया। उन्होंने 24 अक्टूबर 2016 को बीएसई पर 23,483 शेयर बेचे जिससे उन्हें 8.01 करोड़ रुपए मिले। जबकि एनएसई पर 27,517 शेयर बेचकर 9.42 करोड़ रुपए पाए। यानी एक दिन में उन्होंनें 17.44 करोड़ रुपए के शेयर बेच डाले। इससे यह पता चला कि मलहोत्रा शेयरों की गिरावट से वाकिफ थे और उन्होंने अपना नुकसान बचाने के लिए शेयरों को पहले ही बेच दिया।

शेयरों को बेचने से 2.66 करोड़ रुपए का नुकसान बचा

सेबी ने पाया कि मलहोत्रा ने जो शेयर बेचा है उससे 2.66 करोड़ रुपए का नुकसान वो बचा ले गए। सेबी ने इस नुकसान पर 2016 अक्टूबर से 15 जून 2020 तक की अवधि के लिए 12 प्रतिशत सालाना ब्याज लगाकर इस राशि को 3.83 करोड़ रुपए का नुकसान पाया। सेबी ने यह भी पाया कि मलहोत्रा ने इस मामले में मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज से संपर्क कर 60 हजार शेयरों को बेचना।

सेबी ने सरकारी बैंकों में दिया पैसा जमा करने का आदेश

यूपीएसआई अवधि के दौरान किए गए ट्रेड के कारण होने वाले 3.83 करोड़ रुपए रुपए के अनुमानित नुकसान को उदयंत मल्होत्रा से ले लिया जाएगा। उदयंत मल्होत्रा को इस राशि को सरकारी बैंक में जमा करने का आदेश दिया गया है। सेबी ने यह भी कहा है कि डीमैट खातों के संबंध में सेबी की अनुमति के बिना कोई डेबिट नहीं किया जाएगा। उदयंतमल्होत्रा को यह राशि एस्क्रो खाते में जमा करने का आदेश दिया गया है।

सेबी ने यह भी आदेश दिया है कि मलहोत्रा अपनी किसी भी प्रॉपर्टी को नहीं बेच पाएंगे। सेबी ने 7 दिनों के अंदर उनकी सभी संपत्तियों, खातों, डीमैट अकाउंट आदि की जानकारी मांगी है। सेबी ने उन पर बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही पेनाल्टी भी लगाया है।



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सेबी ने डीटीएल की जांच करने के बाद उसके एमडी को दोषी पाया है और ब्याज सहित पैसा वसूलने का 17 पेज का ऑर्डर जारी किया है


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