अमेरिका ने कहा- झड़प पर हमारी पैनी नजर, ट्रम्प और मोदी की 2 जून को इस मुद्दे पर बात हुई थी; भारत के 20 जवान शहीद हुए, चीन के भी 43 सैनिक मारे गए या घायल हुए

भारत और चीन के बीच लद्दाख की गालवन घाटी में हुई हिंसक झड़प पर अमेरिका का भी बयान आया। मंगलवार रात व्हाइट हाउस में हुई मीटिंग के बाद अमेरिका ने बयान जारी किया। अमेरिका ने कहा- दोनों देशों के बीच जारी तनाव पर हमारी पैनी नजर है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी से 2 जून को फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर चर्चा हुई थी।
बता दें कि सोमवार रात गालवन वैली में हुई हिंसक झड़प में भारत के एक कमांडिंग अफसर समेत भारत के 20 जवानों शहीद हो गए थे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन के भी 43 सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हुए।

व्हाइट हाउस में मीटिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय समय के अनुसार रात 11.30 बजे व्हाइट हाउस में एक अहम मीटिंग की। इसमें इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भारत-चीन विवाद पर रिपोर्ट पेश की। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी मीटिंग में शामिल थे। मीटिंग के बाद एक बयान जारी किया गया। अमेरिका ने कहा, ‘एलएसी के हालात पर हमारी करीबी नजर रख रहे हैं। भारतीय सेना के 20 जवान मारे गए हैं। अमेरका इस पर शोक व्यक्त करता है। हमारी संवेदनाएं सैनिकों के परिवारों के साथ हैं।’

शांति से समाधान करें
बयान में आगे कहा गया, ‘भारत और चीन दोनों ने तनाव कम करने की बात कही है। अमेरिका इस मसले के शांतिपूर्ण समाधान के हक में है। राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच 2 जून को फोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान भारत-चीन सीमा विवाद पर भी बातचीत हुई थी।’

पीछे हटीं दोनों सेनाएं
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गालवन वैली में जिस पेट्रोल प्वॉइंट 14 के करीब दोनों देशों के सैनिकों की बीच हिंसक झड़प हुई थी, अब वहां शांति है। दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियां पीछे हट गई हैं।

यूएन ने क्या कहा?
यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने भी भारत और चीन सीमा विवाद पर टिप्पणी की। कहा- हमने एलएसी पर हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल की है। दोनों देशों से अपील है कि वो संयम दिखाएं। यह अच्छी बात है कि दोनों ही देश तनाव कम करने की बात कर रहे हैं।

चीन से जुड़े विवाद पर आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1.चीन का डैमेज कंट्राेल और धमकियां: लद्दाख में अपने सैनिकों के मारे जाने के बाद चीन ने सुबह 7:30 बजे मीटिंग की मांग की, लेकिन 6 घंटे बाद धमकी दी- भारत एकतरफा कार्रवाई न करे
2.भारत-चीन के बीच जंग के 5 साल बाद भी झड़प हुई थी: 1967 में सिक्किम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था, चीन के 340 सैनिक मारे गए थे
3.बातचीत के बाद भी नहीं मान रहा चीन: पिछले महीने 3 बार सैनिक आमने-सामने हुए; इस महीने 4 मीटिंग के बाद तनाव कम हुआ था, बातचीत चल ही रही थी लेकिन हिंसक झड़प हो गई

4.कौन कितना ताकतवर:चीन और पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार; एटमी ताकत के लिहाज से रूस सबसे आगे

5.गालवन की कहानी: 1962 की जंग में गालवन घाटी में गोरखा सैनिकों की पोस्ट को चीनी सेना ने 4 महीने तक घेरे रखा था, 33 भारतीय मारे गए थे

6.दुनिया की सबसे लंबी अनसुलझी सीमा पर एक्सपर्ट व्यू: 1967 के बाद से भारत-चीन सीमा पर एक भी गोली नहीं चली, 1986 के 27 साल बाद 2013 से फिर होने लगे विवाद

7.एनालिसिस:हमारे देश में लोकतंत्र है इसलिए हम बता देते हैं, लेकिन चीन कभी नहीं बताएगा कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
16 जून को श्रीनगर के करीब बालटाल में अपने ट्रकों के करीब मौजूद भारतीय सैनिक। ये लद्दाख में तैनाती के लिए जा रहे हैं। लद्दाख की गालवन वैली में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हुए।


from Dainik Bhaskar /national/news/india-china-ladakh-border-clash-on-lac-latest-news-updates-on-galwan-valley-127418806.html

Post a Comment

और नया पुराने